भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित, गणगौर का त्यौहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता हैं। यह पर्व खास तौर पर राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के एक दिन बाद से ही महिलाएं 16 दिनों तक ईसर-गणगौर (शिव-पार्वती के स्वरुप) की पूजा करती हैं। मान्यता है की अच्छे वर और अमर सुहाग के आशीर्वाद के लिए विधि-विधान से गणगौर का पूजन किया जाता है।
देवी पार्वती और भगवान शिव के नाम से ही गणगौर (Meaning of Gangaur) शब्द की स्थापना हुई है। गणगौर के दिन ईसर-गणगौर की पूजा का विधान है। गणगौर में, 'गण' शब्द जहां भगवान भोलेनाथ का प्रतिनिधित्व करता है। वही 'गौर' मां गौरा यानि देवी पार्वती को दर्शाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने अनगिनत वर्षों तक भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की। जिसके बाद इसी दिन भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
तो चलिए जानते हैं, इस साल गणगौर उत्सव कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है, और गणगौर पूजा से जुड़े रोचक तथ्य-
हिंदू पंचांग के अनुसार, गणगौर का त्यौहार हर साल चैत्र नवरात्रि की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल सोमवार, 31 मार्च 2025 (Gangaur Vrat 2025 Date) को गणगौर का यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। गणगौर 2025 का शुरुआत व समापन समय इस प्रकार है-
गणगौर के दिन सभी विवाहित और अविवाहित महिलाएं विधि-विधान से गणगौर का पूजन करती हैं। यदि आप भी इस साल पहली बार गणगौर पूजन कर रहे है, तो यहां दिए गए शुभ मुहूर्त (gangaur festival shubh muhurat) को जरूर देखें-
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.21 से दोपहर 01.22 तक
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त - शाम 06:55 से रात 08:21 तक
शुभ उत्तम मुहूर्त - शाम 05:21 से रात 06:55 तक
•मारवाड़ी घरों में होली के दूसरे दिन गणगौर पूजन की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान गणगौर के लोकगीत जैसे गोर-गोर गोमती इसर पूजे पार्वती.., गोर ए गणगौर माता खोल किंवाड़ी. की गूंज सभी ओर सुनाई देती है।
•गणगौर की 16 दिवसीय पूजा (Significance of 16 in Gangaur Puja) खास इसलिए मानी जाती है, क्योंकि '16' अंक आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्णता का प्रतिनिधित्व करता है।
•इसके साथ ही गणगौर पूजन में 16 अंक को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मेंहदी, बिंदी, काजल समेत सुहाग के सभी वस्तुओं को भी सोलह शृंगार के नाम से जाना जाता हैं। इसके साथ ही ईसर गणगौर को अर्पित किए जाने वाले गुणे, फल और सुहाग सामग्री भी 16 अंकों में चढ़ाई जाती है।
आप भी इस गणगौर (Gangaur 2025) सच्ची श्रद्धा और विधि विधान से शिव-पार्वती का पूजन संपन्न करें और जीवन में अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि को आकर्षित करें।